रविवार, 9 अक्तूबर 2011

kanamat

 मैं लिख रहा था /लिखना तो सरल होता है पर बहुतकठिन लगता है /एक तो लेखन एवं वाचन
का अभ्यास छुट गया दुसरे हिंदी लिखना अंग्रेजी की बोर्ड से /के आर लिखा क्र लिखागया या 
कर/वैसे वर्तनी संसोधन की व्यवस्था रहती है पर कभी कभी एक स्पेसे बार देना या दो स्पेस 
कभी शब्द न बनकर अक्षर मात्र रह जाते /एक तीसरी क क्षामें पड़ने वाली लडकी मेरी गलतियाँ 
बताती जाती थी मई आवश्यक सुधा र करता जाता था /दो चार वाक्य लिखने के बाद उसने 
प्रश्न किया आप ने खिन भी कानामतनही लगाया /कुछ देर तक तो उसके कहने का तात्पर्य 
मेरी समज में नही आया पर कुछ देर तक सोचने पर दिमाग की  बत्ती जल गयी /उसके कहने 
का तात्पर्य कम विराम चिन्हों से था /मई मन ही मन झेंप तो गया परन्तु उसको समझाने 
के लिए और अपने अज्ञान को छिपाने के लिए कहा बेटा यह तो बनिये के लडके की शिग्र 
लिपि/लघु लिपि है /बनिये का लड़का अपनी भी में हिंग जीरा को हग जर लिखता है 
                बात आई गईतो नही हुई बल्कि एक सम्पादक और ये क लेखक के बी च  की 
नोख झोंक को स्मरति पटल पर उजागर कर गई /की सी पत्रिका में प्रकाशनार्थ प्रेषित लेख 
पर सम्पादक ने बहुत कम पारिश्रमिक दिया /लेखक ने सम्पादक से इसका कारण पूछा तो 
सम्पादक ने बताया आपका लेख तो अच्छा था किन्तु उसमे विराम  चिन्हों का प्रयोग नही था 
उसके सम्पादन में हमे बहुत परिश्रम करना पड़ा .विराम  ची ननो का बहुत महत्व है /
एक्हक ने एक दूसरा ले ख भेजा/लेख में अक्षर शब्द कुछ नही थे केवल विराम ची नं  जगह 
जगह लगाये हुए थे /साथ ही टिप थीकि विराम चिन्ह आदि भेज रहा हूँ /उचित जगह पर वाक्य 
लिख लीजिये व् श्रीग्र ही पारिश्रमिक भेज दीजियेगा 
वह ऋ कानामत की करामत 


शनिवार, 8 अक्तूबर 2011

andha

एक  व्यक्ति  को एक महिला पर बहुत ही दया आई  वह वैसे कोइ सुंदर नही थी  फिर भी दोनों आँखों 
से अंधी हो ने से उसने उस से शादी कर अपनालिया /दोनोमे प्यार था /अंधी को प्यार और सहानुभूति 
दोनों मिली /कुछेक दिनों बाद उसने पतिसे कहा कि मेरी आँखों कों का यदि कोई इलाज हो जाये तो 
मैआप जैसे उपकारी का दर्शन करसकूं /उस दयालु ने ऐनकैन रूपेणधन एकत्र कर उसका उपचार 
कराया /आपरेशन के बाद जब उसने सबसे पहले अपने उदार दयालु पतिको जिसने वह देखसके 
 इसलिए दोनों आँखों का दान कर ज्योति दिलाई थी  को देखना चाहा//आर उसने देखा की उसका 
पति तो अँधा है और उसअंधे को छोड़कर वह चली गयी /शायद इसी लिए कहा जाता है प्यार अँधा 
होता है 

सोमवार, 3 अक्तूबर 2011

jl bi ch min pyasi


कबी र दास जी पहले भक्त और कवि बाद में है /उन्हें अन्पडकवि भी खा जाता है /वे न तो की सी वि श्वविद्या लयके स्नातक थे उर नही की सी छो टे बड़े विद्यालय के शिक्षार्थीरहे वे आध्यात्म व्र र रह्श्य के ज्ञाता थे /अब हममे तो ऐसीतीव्र बुद्धि नही है किउनकी कहनी को समझ सके जल बिन मीनप्यासी अर्थ अ भी तक नही झ सके थे /किन्तु आज एका एक दिमाँ ग कि बत्ती जल गईऔउर उसकी राख में प्यासी 
मी न कारहस्य प्रकट हो गया हु वायु किनदी बहती थी बहती रहती  थी कभी पोषमास कीमोरी जसी र कभी नव यो वना की वय
जैसी /त तिय निवासियोकी अपसरत पर दू षन सामग्री यो को प्रवाहित करने के अलावा की नारों के खे तो से ले क्र र द्र्स्थ खेतो तक 
सी  चाईभी  करती थी /पहाड़ी यो वादियों में चट्टानों की छाती पर नृत्य करती इठलाती बल खाती हिरनी जसी चालसे पिय मिलन 
को जाती सरिता को बिच में ही अवरोधित कर बंधन में बाँध दिया ऐसा लगा जैसे सरिता का सागर से यग यग से नाता न ही हो 
वहकी सी स्वे छाचारी नि की भा तिगन्धर्व विवा ह करने जा रही थी बंधन के कारण वह तो वहीरु खी रही किन तू वंचित रह गये 
सकी वास सुवास से वो सब जो उसके दो नो और स्वग्तातुर हो कर खड़े थे  
            बांधो ने जल संग्रहन तो कर नदियों के अ जर्षप्रवाह से वंचित मछलिया छोटे छोटे गद्दो  डबरो में अपने अंत  का 
प्रारम्भ देखनेको विवश होगयी जो मछलिया नीर अघाधा सुखी थी वही अब सूखी सृरी ता में तड़फती है /म्रत्यु दंड पाए को 
क्या भूक आर क्या प्यास /इसी लिए कहाजल बी च मीन प्यासी  *********बांधके निचे की और के ततो पर से उद्वहन द्वारा 
कृषि करने वाले किसानो की यही स्थिति ऐसी हों रही है /कुछ ही  दुरी पर अघाद जल राशी होते हुए भी उनकी फसले सक रही है /
प्यासी फसल को पानी नही मिल र हा है /
इस स्थिति को देखते हुए याद आ गयी एक एक बी हट पुरानी कहानी//कहानी का नायक राजा अपने से पूर्व में बहने वाली 
नदी का पानी रोक लेता है ताकि पूर्व दिशा के लोगो को पानी नही मिलेगा तोवे पानी के लिए उस के प्रति समर्पित हों जायेंगे 
बाँध में रूखे पानी का वि स्टार उसके ही श हर में होने लगा /राजा मुर्ख  था या ज्ञानी  ख नही सकते /हां यह तो नि सहित है 
की उसने डूब में आने वालो को कोई मु वाजा तो नही दिया था /यदि राजाको पानी छोड़ने का कहते तो च मानने वाला नही था 
अतउसके मंत्री ने रातमें प्रति घंटे पर बजने वाली गजर को आधे आधे घंटे में बजवा कर आधी रात को ही सुरोदय का समय 
मानकर राजा से कहा की महराज सुभ हों चुकी है किन्तु अभी तक सूर्य के ददर्श न नही हुए  पूर्व के लोगोने सूर्य को 
बाँध लिया है उन्हें जबतक पानी न ही मिलेगा तब  तक वे सूर्य को मुक्त नही करेंगे जबतक उन्हें पानी नही मिलता और 
राजा ने पानी छोड़ने का देश दे  दिया 
                अगर किसानो को कोई ऐसा मंत्री मिल जाए तो उनकी मुरझाती फसल को बचा सके 

रविवार, 2 अक्तूबर 2011

MOUTH SHUT

अभी अभी जयेश पटेल काले ख में नेज में न्ट१०१ पड़ा /ब हु त अच्छा ले ख है इस ले ख में व र नि त
उ धाहरण   से यह सं देश  मि ल ताहै किचा  हे आप सु ख़ दपऋ स थी तिमें हो या दू खद प् रीस थी ति 
में हो अपना मु  ह  बंद र खे र ही म कवि  ने कहा  है र ही मन निज मन की व्यथा मन ही रो खो गोय 
सु नि अथ ले हे लोग सब बाँट न ले हे को य /सु ख़ द प् री स थी ति यों का प्र कटी करण  तो और भी 
दू ख दायी हो टा है  यह एक वि चि त्र सत्य है कि जब आप स फ लता के ताले की चा बी पाले ते  है
तब को यी वहा का ता ला  ही बदल देटा है  /इस बा त को विड व्वा नो ने  के कदे  के उदा ह र ण से 
बता या एक दे श ने के  क दे कि जा टी प्र जा टी के अध्य न के लिए  कई दे शो से के क  डे  मगवाए 
हर दे श के लो गो ने उन्हें अ  छी तरह से पेक कर भे जा कि न्तु भा र तके के क डे खु ले दक्कन के 
बर्तन मे भे जे गए थे का रण  कि भा  रति यो के ही समान ऊपर की तरफ  बडने व लो की टांग 
खी च ने का स्व भाव के क दो मे भी हो ने से दू सरे  के क दो को बर्तन से बा हर नहीं जा ने दि या 
                 श्री जयेश पटेल ने एक छोटे  पक्षी का उदा हर ण दि या   /शीतका ल  मे एक प् कशी 
गर्म क्षे त्र की और उड़ा जा रहा था /ठण ड  के का र णउस के पण ख ठि  ठु र गए और ऐसा लगता था की 
उस की मो त नि श छि त है /उसी समय वहां से एक गाय का नि कल ना  हु वागाय ने गो बरकी या 
दे व् यो ग से वहउस नन्ने से पक्षी पर गी र गयागाय के गर्म गो बर की गर्मी ने उस पक्षी को नव जी वन 
दे दी या पक्षी प्रसन्न हो कर मस्ती भरे गीत गाने लगा /उसके संगीत को सुन करश तरु  पक्षी नेउ से 
गो बर मे से धुंध नि कालाऔर ///////////////////
                   कु छ प्रकार के पक्षी अनदे  दे ने के बाद बहुतह लला करते है और शि कार हो जाते है 
ऊंट और गधे काप्रसंग तो सर्व विदित है /एक ऊंट प्रति दिण   न दी पार के खे तो मे ख र बू जे  खा ने 
जा ता था.एक दिन एक गधे ने साथ ले चल  ने का आ  गर ह की  या  ऊंट उसे साथ ले गया गधा 
अपना पे टभर जा ने की खु शी मे गाना गा ने ल ग गया और रख वाले के द्वारा पि टागया 
                  इसी ली ये कहा गया है सब की माँ सांझ और सबसे भ ली चुप 

सोमवार, 26 सितंबर 2011

fesh [phes]ulate

ज्यो के ले के पा तपा त  में पा त त्यों च तू रन की बात बात में बात /आज की घ ट ना है एक सा धारन सी 
स्त्री की एक सा धा रन सी घ ट नना पर अ भी व्यकटी /हु आ यह किमें ऱी आटा च ककी में आज अचानक् 
बी ज ली चली गइ /पि सा व ने वाली मही ला ये व् मैभी बी ज  ली का इन ट जार कर ते र हे /कु छ दे र बाद 
बी  जली आ गई**च ककी च लू करने पर चक्की उलटी घु मने ल गगई  /मै ने च ककी बन दकर  उस के 
तिन फै सो   में से दो  फै सो को आ पस में बदल दि या और चक्की स ही तऱी के से घु म ने  लग गई 
पि सा व  ने वाली म ही लाओ को ब डा  आश च र्य हु आ /उन में से एक ने कहा उ ल ते  को सी धा करने 
का यह बड़ी या तरी का है बस के वल फे स बड ल दो फे सा  का अर्थ phes   है इस प र  दू सरीने 
कहा फला क़ीबहु का दी माग  भी उल्टा है उस के भी फेस ब डल दे ना चा ही ये 
         उन क़ी इस बा त चित से मु झे बहु पहले पड़ा हु आ प्र संग यद् आ गया /की सी देश में एक पा द ऱी 
एक वकील और एक इन जी नि यार को मर त्यु दंड का आ देश हु आ /पहले पा द ऱी को दंड देने के ली ये 
व ढ स्था न पर ले जा या गया *द nd  एक म  सिं न से दी या जा न था  मशीन से एक धा र द र 
औजार उप र से नि छे आ कर गर ढ न का ट  दे टी है सबसे पहले पा दरी को व ढ स्थ ल पर लाया गया 
उसे एंटी म प्र र था न के ली ये कहा गया और मशीन च ला दी गई किमशीन ग र धन से कुछ  ऊपर 
र ह गई और पादरी सा हब को सजा से मुक्त कर दिया गया /अ बवकी ल का न म्बर आया  उसे भी 
नि र्रधा ऱी त स्था न पर ला कर अंतीं म प्रार्थना के लिए का हा गया  उस ने पा दर्री कि प्रार्थना का प्रभाव 
दे ख ली या था **उसने भी प्रार्थना कि और ध्यान ल गा या यऔर मसीन चा लू कि गई और पहली वाले स्थान 
पर रुख गई उसे भी मुक्त कर दिया गया /अ ब आया नंबर इन जी नि यर का **उसे भी नीर धा रिटी स्थान 
पर लाया गया व् अंतीं म प्रार्थना के लिए कहा गयाइन जी नि यर ने अपना सर व ढ स्थल पर रखा और उस की
नजर मशीन पर गई उसे लगा की इस मशीन में वा  यऱी नग की गलती है लाल वायर काले वायर की जगह 
और कला वायर लाल वायर की जगह लग न chaaही ये *उसने तू रन्त आपरे तर  को यह बात बट ai आपरेटर ने उस मसीन में ब ट ये अनुसार वायर बदल कर मशीन चा लू की और मसि न ने अपना का म सहीदग से कर 
दिया  *****
   

शनिवार, 24 सितंबर 2011

aate aadar nahi diyo

प्रकृति  कृषि व् नक्षत्रो के परस्पर सम बंधो के बारे में प्राचीन कल से विद्वानों ने अध्यन कर निष्कर्ष निकले है जो 
मो  खी ख रूप से यात्रा करते हुए सर्वत्र प्रचलिट हो गए है कुछ एक ऐसे निष् कर्शो वाली लोकोक्तियों का आनंद 
लीजिये [१] मृग नक्षत्र की बोवनी होने पर उत्तम फसल हो तीहै [२] आश्लेषा बाले व  मघा वाले  अर्थार्थ आश्लेषा 
नक्षत्र  में फसल के कई पोधे मुरझा जा ते है फिर मघा नक्षत्र में वो ही पोधे हरे भरे हो जाते है [३]पुख भरे कुख 
पुष्य नक्षत्र में इतन चारा हो जाट है की पशु ओं  के पेट भर जाते है [4]स्वाति नक्षत्र का वर्षा जल चातकका  एक मात्र 
पेय जल है वह सर्प के मुह में गिरने पर विष बनती है केले के पोधे में कपूर  बनती हैएवं सिप के मुह  में गिरने पर 
मोती बनती है  *स्वाति चना  होवेघन्हा  यदि स्वाति  नक्षत्र में वर्षा होती है तो चने की फसल  बढ़िया होगी 
[५]आद्राभर  खालिया खोदरा आद्रा नक्श त्र में इतनी वर्षा हो ती है किछोटे बड़े नाले पानी से भर जाते है 
[६]आते आदर नहीं दियो जाते दियो न हस्त तो दोनों पछ ता एंगे ऐ पाहु ना वो गृहस्थ
अर्थार्थ यदि आद्रा नक्षत्र के प्रारंभ  के दि नो में वर्श नहीं  होती है और हस्त नक्षत्र के अंतिम दि नो में वर्षा 
नहीं हो  ती है तो पावनाऔर गृहस्थ दो नो पछतायेगेक्यों कि फसल ख़राब हो गी श्लेष अर्थ आने वाले को 
आते समय स्वागत न ही किया और जाते समय  हाथ दे कर विदा नहीं कि या तो मेहमान और ग्रस्त दोनों 
को पछ ताना पड़ेगा ****हस्त शब्द से हाथीका बोध हो ता है इस नक्षत्र में कही कही वर्षा होती है कि न्तु जहाँ 
भी होती है वहाहनी ही हा नि करती है जिधर भी हाथी कीसुन्दफिर जाती है उधर           वर्षा होजाती है 
हस्त नक्षत्र में सर्पो का वि च रन बडी जाता है उ नके बी लो में पानी भर जाता है अतः वे इधर उधर घूमते
है और इन्ही दिनों में सर्प दंश की घटनाये बड़जाती है कहाजाता है किइस नक्षत्र में जब बिजली चमके उस 
समय कोई महिला गोबर से दीवाल पर अपने हाथो कि  छाप लगा दे तो सर्प दंश कीघ ट ना  ओ में कमी  
आजाती है //////इस ब्लाग पर लिखित साहित्यब्लोगेर ने इधर उधर से संकलिट किया है   इनकी सत्यता  
क प्रमाणि कर न उप लब्ध  नहीं है /

शुक्रवार, 23 सितंबर 2011

vashikarnh

वशीकरन एक मंत्र है मीठी बोली में वशी करन की शक्ति है कई दिनों से मीठी बो ली कैसी हो टीहो गी सोचता 
ही रहा किन्तु मीठी बोली क्या है कैसे बोली जाती है कुछ समझ में नहीं आरहा था /पि छ  ले आ ठदस दी नो 
से कम्प्टर हैंग हो रहा था इंजीनियर ने हार्ड डिस्क ख़राब होना बताया व् दस पंद्रह दिन में ठीक होने का 
कहा /उस दिन  तो मै वापिस आ गया किसोचा ली शायद इंजी. ने को इ जुगाड़ कर कम्पुटर सुधारदिया हो 
ऐसा सोचकर मै उसकी दुकान पर चला गया /इंजी.ने कहा आपने आने का कष्ट क्यों किया /आप वाली हार्ड 
डिस्क ही कम में आजावेगीइस प्रकार कीबात करते हुए दुसरे केकम्पुटर पर काम करता रहा /उसने मेरे 
क मपु .की तर फ  देखा तक नहीं /मने कहा हाँ भाई आप ठीक कहरहे है प् आप से काम करवाना तो पड़ेगाआपको 
तो .मालूम  ही है कि गाय दूध देती नहीं है गाय को दू हना पड़ता है /मेरे इस जुमले पर वहाबैठे लोगो ने मझे 
बहुत सराहा*मुझे उनका यह सराहना बहुत अच्छा लगा /इंजी *ने कह आपको कमप्यु टरआज ही चाहिए 
उस ने कहां यदि यह  हार्डडिस्क यदि कम नहीं देती तो आपको दो चार   दिन रुकना ही पड़ता  *मैंने कहा
एक बार एक बुडियायस  बैंक में गयी जहा उसका धन जमथा *बुडिया ने कहा कि मैंने सुना है कि आप कि 
बैंक कादी वाला निकल रहा है यदि एयसाहै तो मु झे में रा धन अभी चाही ये और यदि दिवाला नहीं निकल 
मुझे अभी धन कीको इ जरुरत नहीं है /मेरी इस बात को सुन सभी लोग प्रशन्नहुए *न्होंने मुझे बहत 
बुद्धिमान बताया एक ने तो कहा किआ प को तो कों बने गा करोड़ पति कि हट सिट पर बैठना चाहिया 

यह सुनकर दिल बाग बाग हो गया /कम्प *ले कर घर आया सबसे प् हले इ मेल खोली  मित्र कीसराहना 
भरी पाती थी  पड़कर आनंद से भर गया *शायद इसे ही मीठी वानि कहते है 
यह 

रविवार, 18 सितंबर 2011

NASINGH KI KATHAA

नरसिंह को ऐसा लगा कि उसका सर चकरा रहा है वह धडाम से जमीं पर गिर गया /उसने संक्षेप में 
         नागिन के श्राफ कि घटना बताई आर उसके प्रंह निकल गए /यह देख कर हाहाकार मच गया 
भाई  कि बारात के स्थान पर  बड़े भाई कि अर्थी निकलने का दुखद अवसर उपस्थित होगया /
यह सताती देख तेजल नारने लोगों को धेर्य धरने का कहा /उसने सब के सामने घोषणा की कियदि 
मेरी साड़ीमें  सत      हो तो मेरा      पति जीवित हो जाये /तेजल के इतना कहते ही नरसिंह  उठ 
बैठा जैसे गहरी नींद से जगा हो /इस प्रकार तेजल नेअपने  सत के प्रभाव से  म्र्रत पति को प्राप्त 
किया  
शेष जीवन आनंद मंगल से बिताया 

शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

JHOOTH KAHAI LOG

आज हम देखते हैं की घर परिवार में और विशेष कर नवयुवको में अनुशासन हीनता पाईजाती है इसके 
कई कारान्होमें एक मुख्या कारंह है बचो को उचित निर्णय लेने की क्शिक्षा नहीं मिलनाबच्चो को 
मता पिता की दी हु ई नशिहते कड़वी लगाती है और दुसरे लोग उनो को जो कहते हैं उन्हें मीठी लगती
है /उन्हें यह gyan नहीं रहता की लोग उन्हें गलत रा ह पर चलाकर उन्हें अवनति की और धकेलना चाहते 
हैं /अत बचो को सीधी नसीहत न देते हुए उन्हें नीर क्षीर  की सिक्षा दे नाचाहिए /
    

मंगलवार, 6 सितंबर 2011

LOKOKTIYAN

GHAHavm bhdduri hamare desh ke wo mahavidwanhuye hai jinhone apne
gyan ko padya rup me prastut kiya hai /varsh ka poorvanumadekhiye
banh pde bangali tovarshahowe aajkikali/yadi poorv dishame indra
dhanushdi khayide to aj nahi to kal jaroor varsha hogi

शनिवार, 16 जुलाई 2011

hath/hat

hath tin prkarki hoti hai rajhath balhth triya hath   ye tino apni hath nahi chodte kintuinhon ne yah jankar ki
kevalmoorkh aur mratak hi apne vichar nahi badalte iesliye hath se hat jana chahiye