सोमवार, 26 सितंबर 2011

fesh [phes]ulate

ज्यो के ले के पा तपा त  में पा त त्यों च तू रन की बात बात में बात /आज की घ ट ना है एक सा धारन सी 
स्त्री की एक सा धा रन सी घ ट नना पर अ भी व्यकटी /हु आ यह किमें ऱी आटा च ककी में आज अचानक् 
बी ज ली चली गइ /पि सा व ने वाली मही ला ये व् मैभी बी ज  ली का इन ट जार कर ते र हे /कु छ दे र बाद 
बी  जली आ गई**च ककी च लू करने पर चक्की उलटी घु मने ल गगई  /मै ने च ककी बन दकर  उस के 
तिन फै सो   में से दो  फै सो को आ पस में बदल दि या और चक्की स ही तऱी के से घु म ने  लग गई 
पि सा व  ने वाली म ही लाओ को ब डा  आश च र्य हु आ /उन में से एक ने कहा उ ल ते  को सी धा करने 
का यह बड़ी या तरी का है बस के वल फे स बड ल दो फे सा  का अर्थ phes   है इस प र  दू सरीने 
कहा फला क़ीबहु का दी माग  भी उल्टा है उस के भी फेस ब डल दे ना चा ही ये 
         उन क़ी इस बा त चित से मु झे बहु पहले पड़ा हु आ प्र संग यद् आ गया /की सी देश में एक पा द ऱी 
एक वकील और एक इन जी नि यार को मर त्यु दंड का आ देश हु आ /पहले पा द ऱी को दंड देने के ली ये 
व ढ स्था न पर ले जा या गया *द nd  एक म  सिं न से दी या जा न था  मशीन से एक धा र द र 
औजार उप र से नि छे आ कर गर ढ न का ट  दे टी है सबसे पहले पा दरी को व ढ स्थ ल पर लाया गया 
उसे एंटी म प्र र था न के ली ये कहा गया और मशीन च ला दी गई किमशीन ग र धन से कुछ  ऊपर 
र ह गई और पादरी सा हब को सजा से मुक्त कर दिया गया /अ बवकी ल का न म्बर आया  उसे भी 
नि र्रधा ऱी त स्था न पर ला कर अंतीं म प्रार्थना के लिए का हा गया  उस ने पा दर्री कि प्रार्थना का प्रभाव 
दे ख ली या था **उसने भी प्रार्थना कि और ध्यान ल गा या यऔर मसीन चा लू कि गई और पहली वाले स्थान 
पर रुख गई उसे भी मुक्त कर दिया गया /अ ब आया नंबर इन जी नि यर का **उसे भी नीर धा रिटी स्थान 
पर लाया गया व् अंतीं म प्रार्थना के लिए कहा गयाइन जी नि यर ने अपना सर व ढ स्थल पर रखा और उस की
नजर मशीन पर गई उसे लगा की इस मशीन में वा  यऱी नग की गलती है लाल वायर काले वायर की जगह 
और कला वायर लाल वायर की जगह लग न chaaही ये *उसने तू रन्त आपरे तर  को यह बात बट ai आपरेटर ने उस मसीन में ब ट ये अनुसार वायर बदल कर मशीन चा लू की और मसि न ने अपना का म सहीदग से कर 
दिया  *****
   

शनिवार, 24 सितंबर 2011

aate aadar nahi diyo

प्रकृति  कृषि व् नक्षत्रो के परस्पर सम बंधो के बारे में प्राचीन कल से विद्वानों ने अध्यन कर निष्कर्ष निकले है जो 
मो  खी ख रूप से यात्रा करते हुए सर्वत्र प्रचलिट हो गए है कुछ एक ऐसे निष् कर्शो वाली लोकोक्तियों का आनंद 
लीजिये [१] मृग नक्षत्र की बोवनी होने पर उत्तम फसल हो तीहै [२] आश्लेषा बाले व  मघा वाले  अर्थार्थ आश्लेषा 
नक्षत्र  में फसल के कई पोधे मुरझा जा ते है फिर मघा नक्षत्र में वो ही पोधे हरे भरे हो जाते है [३]पुख भरे कुख 
पुष्य नक्षत्र में इतन चारा हो जाट है की पशु ओं  के पेट भर जाते है [4]स्वाति नक्षत्र का वर्षा जल चातकका  एक मात्र 
पेय जल है वह सर्प के मुह में गिरने पर विष बनती है केले के पोधे में कपूर  बनती हैएवं सिप के मुह  में गिरने पर 
मोती बनती है  *स्वाति चना  होवेघन्हा  यदि स्वाति  नक्षत्र में वर्षा होती है तो चने की फसल  बढ़िया होगी 
[५]आद्राभर  खालिया खोदरा आद्रा नक्श त्र में इतनी वर्षा हो ती है किछोटे बड़े नाले पानी से भर जाते है 
[६]आते आदर नहीं दियो जाते दियो न हस्त तो दोनों पछ ता एंगे ऐ पाहु ना वो गृहस्थ
अर्थार्थ यदि आद्रा नक्षत्र के प्रारंभ  के दि नो में वर्श नहीं  होती है और हस्त नक्षत्र के अंतिम दि नो में वर्षा 
नहीं हो  ती है तो पावनाऔर गृहस्थ दो नो पछतायेगेक्यों कि फसल ख़राब हो गी श्लेष अर्थ आने वाले को 
आते समय स्वागत न ही किया और जाते समय  हाथ दे कर विदा नहीं कि या तो मेहमान और ग्रस्त दोनों 
को पछ ताना पड़ेगा ****हस्त शब्द से हाथीका बोध हो ता है इस नक्षत्र में कही कही वर्षा होती है कि न्तु जहाँ 
भी होती है वहाहनी ही हा नि करती है जिधर भी हाथी कीसुन्दफिर जाती है उधर           वर्षा होजाती है 
हस्त नक्षत्र में सर्पो का वि च रन बडी जाता है उ नके बी लो में पानी भर जाता है अतः वे इधर उधर घूमते
है और इन्ही दिनों में सर्प दंश की घटनाये बड़जाती है कहाजाता है किइस नक्षत्र में जब बिजली चमके उस 
समय कोई महिला गोबर से दीवाल पर अपने हाथो कि  छाप लगा दे तो सर्प दंश कीघ ट ना  ओ में कमी  
आजाती है //////इस ब्लाग पर लिखित साहित्यब्लोगेर ने इधर उधर से संकलिट किया है   इनकी सत्यता  
क प्रमाणि कर न उप लब्ध  नहीं है /

शुक्रवार, 23 सितंबर 2011

vashikarnh

वशीकरन एक मंत्र है मीठी बोली में वशी करन की शक्ति है कई दिनों से मीठी बो ली कैसी हो टीहो गी सोचता 
ही रहा किन्तु मीठी बोली क्या है कैसे बोली जाती है कुछ समझ में नहीं आरहा था /पि छ  ले आ ठदस दी नो 
से कम्प्टर हैंग हो रहा था इंजीनियर ने हार्ड डिस्क ख़राब होना बताया व् दस पंद्रह दिन में ठीक होने का 
कहा /उस दिन  तो मै वापिस आ गया किसोचा ली शायद इंजी. ने को इ जुगाड़ कर कम्पुटर सुधारदिया हो 
ऐसा सोचकर मै उसकी दुकान पर चला गया /इंजी.ने कहा आपने आने का कष्ट क्यों किया /आप वाली हार्ड 
डिस्क ही कम में आजावेगीइस प्रकार कीबात करते हुए दुसरे केकम्पुटर पर काम करता रहा /उसने मेरे 
क मपु .की तर फ  देखा तक नहीं /मने कहा हाँ भाई आप ठीक कहरहे है प् आप से काम करवाना तो पड़ेगाआपको 
तो .मालूम  ही है कि गाय दूध देती नहीं है गाय को दू हना पड़ता है /मेरे इस जुमले पर वहाबैठे लोगो ने मझे 
बहुत सराहा*मुझे उनका यह सराहना बहुत अच्छा लगा /इंजी *ने कह आपको कमप्यु टरआज ही चाहिए 
उस ने कहां यदि यह  हार्डडिस्क यदि कम नहीं देती तो आपको दो चार   दिन रुकना ही पड़ता  *मैंने कहा
एक बार एक बुडियायस  बैंक में गयी जहा उसका धन जमथा *बुडिया ने कहा कि मैंने सुना है कि आप कि 
बैंक कादी वाला निकल रहा है यदि एयसाहै तो मु झे में रा धन अभी चाही ये और यदि दिवाला नहीं निकल 
मुझे अभी धन कीको इ जरुरत नहीं है /मेरी इस बात को सुन सभी लोग प्रशन्नहुए *न्होंने मुझे बहत 
बुद्धिमान बताया एक ने तो कहा किआ प को तो कों बने गा करोड़ पति कि हट सिट पर बैठना चाहिया 

यह सुनकर दिल बाग बाग हो गया /कम्प *ले कर घर आया सबसे प् हले इ मेल खोली  मित्र कीसराहना 
भरी पाती थी  पड़कर आनंद से भर गया *शायद इसे ही मीठी वानि कहते है 
यह 

रविवार, 18 सितंबर 2011

NASINGH KI KATHAA

नरसिंह को ऐसा लगा कि उसका सर चकरा रहा है वह धडाम से जमीं पर गिर गया /उसने संक्षेप में 
         नागिन के श्राफ कि घटना बताई आर उसके प्रंह निकल गए /यह देख कर हाहाकार मच गया 
भाई  कि बारात के स्थान पर  बड़े भाई कि अर्थी निकलने का दुखद अवसर उपस्थित होगया /
यह सताती देख तेजल नारने लोगों को धेर्य धरने का कहा /उसने सब के सामने घोषणा की कियदि 
मेरी साड़ीमें  सत      हो तो मेरा      पति जीवित हो जाये /तेजल के इतना कहते ही नरसिंह  उठ 
बैठा जैसे गहरी नींद से जगा हो /इस प्रकार तेजल नेअपने  सत के प्रभाव से  म्र्रत पति को प्राप्त 
किया  
शेष जीवन आनंद मंगल से बिताया 

शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

JHOOTH KAHAI LOG

आज हम देखते हैं की घर परिवार में और विशेष कर नवयुवको में अनुशासन हीनता पाईजाती है इसके 
कई कारान्होमें एक मुख्या कारंह है बचो को उचित निर्णय लेने की क्शिक्षा नहीं मिलनाबच्चो को 
मता पिता की दी हु ई नशिहते कड़वी लगाती है और दुसरे लोग उनो को जो कहते हैं उन्हें मीठी लगती
है /उन्हें यह gyan नहीं रहता की लोग उन्हें गलत रा ह पर चलाकर उन्हें अवनति की और धकेलना चाहते 
हैं /अत बचो को सीधी नसीहत न देते हुए उन्हें नीर क्षीर  की सिक्षा दे नाचाहिए /
    

मंगलवार, 6 सितंबर 2011

LOKOKTIYAN

GHAHavm bhdduri hamare desh ke wo mahavidwanhuye hai jinhone apne
gyan ko padya rup me prastut kiya hai /varsh ka poorvanumadekhiye
banh pde bangali tovarshahowe aajkikali/yadi poorv dishame indra
dhanushdi khayide to aj nahi to kal jaroor varsha hogi