नरसिंह को ऐसा लगा कि उसका सर चकरा रहा है वह धडाम से जमीं पर गिर गया /उसने संक्षेप में
नागिन के श्राफ कि घटना बताई आर उसके प्रंह निकल गए /यह देख कर हाहाकार मच गया
भाई कि बारात के स्थान पर बड़े भाई कि अर्थी निकलने का दुखद अवसर उपस्थित होगया /
यह सताती देख तेजल नारने लोगों को धेर्य धरने का कहा /उसने सब के सामने घोषणा की कियदि
मेरी साड़ीमें सत हो तो मेरा पति जीवित हो जाये /तेजल के इतना कहते ही नरसिंह उठ
बैठा जैसे गहरी नींद से जगा हो /इस प्रकार तेजल नेअपने सत के प्रभाव से म्र्रत पति को प्राप्त
किया
शेष जीवन आनंद मंगल से बिताया
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