रविवार, 2 अक्तूबर 2011

MOUTH SHUT

अभी अभी जयेश पटेल काले ख में नेज में न्ट१०१ पड़ा /ब हु त अच्छा ले ख है इस ले ख में व र नि त
उ धाहरण   से यह सं देश  मि ल ताहै किचा  हे आप सु ख़ दपऋ स थी तिमें हो या दू खद प् रीस थी ति 
में हो अपना मु  ह  बंद र खे र ही म कवि  ने कहा  है र ही मन निज मन की व्यथा मन ही रो खो गोय 
सु नि अथ ले हे लोग सब बाँट न ले हे को य /सु ख़ द प् री स थी ति यों का प्र कटी करण  तो और भी 
दू ख दायी हो टा है  यह एक वि चि त्र सत्य है कि जब आप स फ लता के ताले की चा बी पाले ते  है
तब को यी वहा का ता ला  ही बदल देटा है  /इस बा त को विड व्वा नो ने  के कदे  के उदा ह र ण से 
बता या एक दे श ने के  क दे कि जा टी प्र जा टी के अध्य न के लिए  कई दे शो से के क  डे  मगवाए 
हर दे श के लो गो ने उन्हें अ  छी तरह से पेक कर भे जा कि न्तु भा र तके के क डे खु ले दक्कन के 
बर्तन मे भे जे गए थे का रण  कि भा  रति यो के ही समान ऊपर की तरफ  बडने व लो की टांग 
खी च ने का स्व भाव के क दो मे भी हो ने से दू सरे  के क दो को बर्तन से बा हर नहीं जा ने दि या 
                 श्री जयेश पटेल ने एक छोटे  पक्षी का उदा हर ण दि या   /शीतका ल  मे एक प् कशी 
गर्म क्षे त्र की और उड़ा जा रहा था /ठण ड  के का र णउस के पण ख ठि  ठु र गए और ऐसा लगता था की 
उस की मो त नि श छि त है /उसी समय वहां से एक गाय का नि कल ना  हु वागाय ने गो बरकी या 
दे व् यो ग से वहउस नन्ने से पक्षी पर गी र गयागाय के गर्म गो बर की गर्मी ने उस पक्षी को नव जी वन 
दे दी या पक्षी प्रसन्न हो कर मस्ती भरे गीत गाने लगा /उसके संगीत को सुन करश तरु  पक्षी नेउ से 
गो बर मे से धुंध नि कालाऔर ///////////////////
                   कु छ प्रकार के पक्षी अनदे  दे ने के बाद बहुतह लला करते है और शि कार हो जाते है 
ऊंट और गधे काप्रसंग तो सर्व विदित है /एक ऊंट प्रति दिण   न दी पार के खे तो मे ख र बू जे  खा ने 
जा ता था.एक दिन एक गधे ने साथ ले चल  ने का आ  गर ह की  या  ऊंट उसे साथ ले गया गधा 
अपना पे टभर जा ने की खु शी मे गाना गा ने ल ग गया और रख वाले के द्वारा पि टागया 
                  इसी ली ये कहा गया है सब की माँ सांझ और सबसे भ ली चुप 

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