अभी अभी जयेश पटेल काले ख में नेज में न्ट१०१ पड़ा /ब हु त अच्छा ले ख है इस ले ख में व र नि त
उ धाहरण से यह सं देश मि ल ताहै किचा हे आप सु ख़ दपऋ स थी तिमें हो या दू खद प् रीस थी ति
में हो अपना मु ह बंद र खे र ही म कवि ने कहा है र ही मन निज मन की व्यथा मन ही रो खो गोय
सु नि अथ ले हे लोग सब बाँट न ले हे को य /सु ख़ द प् री स थी ति यों का प्र कटी करण तो और भी
दू ख दायी हो टा है यह एक वि चि त्र सत्य है कि जब आप स फ लता के ताले की चा बी पाले ते है
तब को यी वहा का ता ला ही बदल देटा है /इस बा त को विड व्वा नो ने के कदे के उदा ह र ण से
बता या एक दे श ने के क दे कि जा टी प्र जा टी के अध्य न के लिए कई दे शो से के क डे मगवाए
हर दे श के लो गो ने उन्हें अ छी तरह से पेक कर भे जा कि न्तु भा र तके के क डे खु ले दक्कन के
बर्तन मे भे जे गए थे का रण कि भा रति यो के ही समान ऊपर की तरफ बडने व लो की टांग
खी च ने का स्व भाव के क दो मे भी हो ने से दू सरे के क दो को बर्तन से बा हर नहीं जा ने दि या
श्री जयेश पटेल ने एक छोटे पक्षी का उदा हर ण दि या /शीतका ल मे एक प् कशी
गर्म क्षे त्र की और उड़ा जा रहा था /ठण ड के का र णउस के पण ख ठि ठु र गए और ऐसा लगता था की
उस की मो त नि श छि त है /उसी समय वहां से एक गाय का नि कल ना हु वागाय ने गो बरकी या
दे व् यो ग से वहउस नन्ने से पक्षी पर गी र गयागाय के गर्म गो बर की गर्मी ने उस पक्षी को नव जी वन
दे दी या पक्षी प्रसन्न हो कर मस्ती भरे गीत गाने लगा /उसके संगीत को सुन करश तरु पक्षी नेउ से
गो बर मे से धुंध नि कालाऔर ///////////////////
कु छ प्रकार के पक्षी अनदे दे ने के बाद बहुतह लला करते है और शि कार हो जाते है
ऊंट और गधे काप्रसंग तो सर्व विदित है /एक ऊंट प्रति दिण न दी पार के खे तो मे ख र बू जे खा ने
जा ता था.एक दिन एक गधे ने साथ ले चल ने का आ गर ह की या ऊंट उसे साथ ले गया गधा
अपना पे टभर जा ने की खु शी मे गाना गा ने ल ग गया और रख वाले के द्वारा पि टागया
इसी ली ये कहा गया है सब की माँ सांझ और सबसे भ ली चुप
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